Integrity Score 1040
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"आंधी थी वो ज़ुल्म की, बुझते रहे चिराग,
बैसाखी को याद है, जलियांवाला बाग"
जलियांवाला बाग नरसंहार में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि।
भारत की एकता व अखण्डता के लिए दिया गया आप सभी का बलिदान राष्ट्र के युवाओं के लिए अनंतकाल तक प्रेरणा देगा।
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