Integrity Score 400
No Records Found
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चित्रकूट जिले के ददरी गांव की रहने वाली 100 वर्षीय मेडिया पटेल को पिछले 8 साल से वृद्धा पेंशन नहीं मिल रहा है. इसकी वजह है कि इनके पास आधार कार्ड नहीं है और ना ही बनवाने के लिए किसीने मदद की है. मेडिया के दो बेटे है लेकिन उन्होंने भी कोई मदद नहीं की है. लॉकडाउन से पहले तक मेडिया गोही और महुआ बीनकर बेचती थी जिससे वो अपना गुज़ारा करती थी. लेकिन तालाबंदी में यह काम भी बंद होगया और मेडिया भुखमरी के कगार पर आगई है. वो कहती है कि अब वो गांव के लोगों से खाना मांग मांग कर अपना पेट भरने की कोशिश कर रही है. मेडिया जैसे सैंकड़ो एकल महिलाएं है इस जिले में जिनको आधार से जुडी दिक्कत की वजह से सरकारी लाभ नहीं मिल पा रहे है.
रिसर्चर रीतिका खेरा और अनमोल सोमांची ने कोरोना और आधार के बारे में लिखा है जिसमे यह पता चल रहा है कि आधार कार्ड की दिक्कतों की वजह से लाभार्थियों को सरकारी सुविधाएँ सही तरीके से नहीं मिल पा रही है. उनका कहना है कि यह दिक्कत राशन और पेंशन जैसे सरकारी योजनाओं में देखने को मिल रहा है. इनका यह भी कहना है कि आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण को तुरंत बंद करना चाहिए ताकि लोगो तक लाभ जल्द से जल्द पहुंचे.